प्रिय पाठकों,
नमस्कार!
साहित्य के संसार में एक नई सुबह, एक नया कदम, और एक नई शुरुआत लेकर हम आपके समक्ष प्रस्तुत हैं – साहित्य सार ई-पत्रिका। इस पत्रिका के माध्यम से हमारा उद्देश्य केवल साहित्य का प्रसार करना नहीं, बल्कि उसे एक नये दृष्टिकोण से परखना और उसके हर पहलू को जीवन के विभिन्न रंगों से जोड़ना है।
आज के इस तेज़ी से बदलते समय में जहाँ सब कुछ डिजिटल हो रहा है, साहित्य की शुद्धता और उसकी गहराई पर संकट आ रहा है। ऐसे में, हम साहित्य के असली रूप को संरक्षित करने और उसे नए संदर्भों में प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साहित्य सार ई-पत्रिका हर पाठक तक उस सृजनात्मक ऊर्जा को पहुँचाने का कार्य करेगी, जो हमारे समाज के जीवन और विचारों को समृद्ध बनाती है।
हमारी पत्रिका में साहित्य के हर रूप को जगह दी गई है – कविता, कहानी, लेख, निबंध, समीक्षा और समाज के विभिन्न मुद्दों पर विचार। हम साहित्य को न केवल एक कला के रूप में, बल्कि समाज और संस्कृति के प्रतिबिंब के रूप में भी प्रस्तुत करते हैं। हमारे प्रत्येक अंक में आपको भारतीय संस्कृति, सामाजिक परिवर्तन, और मानवता के विविध आयामों का अद्भुत संगम मिलेगा।
साहित्य का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करना और उसके भीतर के अच्छे पहलुओं को उजागर करना है। हमें विश्वास है कि साहित्य सार ई-पत्रिका के हर पन्ने में पाठकों को न केवल एक नई दिशा मिलेगी, बल्कि उनके मन में सोचने, समझने और महसूस करने की क्षमता भी बढ़ेगी।
हमारे साथ इस यात्रा में शामिल हों, साहित्य के उस अनमोल खजाने को खोजें, जो केवल शब्दों में नहीं, बल्कि हमारे विचारों और भावनाओं में जीवित है। हम आपके सहयोग और प्यार से इस सफर को और भी रोचक और समृद्ध बनाने का प्रयास करेंगे।
आशा है कि साहित्य सार ई-पत्रिका आपके साहित्यिक अनुभवों को नए आयाम देगी और आप हमारे साथ इस यात्रा में हमेशा जुड़े रहेंगे।
सादर, संपादक
साहित्य सार ई-पत्रिका